कवि खुशवन्त कुमार माली उर्फ "राजेश" जी द्वारा 'शान्ति के दूत' विषय पर रचना

शांति के दूत को
वाणी के भरपूर को
अंहिसा के मूल को
जवान की ज्योति को
नेह की नेती को
देह के प्रकाश को
पुण्य-फल गुर को
करम के सपूत को
गोपाल के शिष्य को
आजादी के धीर को
धर्मनिरपेक्षपता की तलवार को
पाक के प्रेमी को
वैष्णव जन के प्रेम को 
ज्ञान की धार को
अमन और चेन को
मुस्लिमों के मान को
हिन्दुओं की आन को
भारत के सम्मान को
शत्-शत् वंदन,
नमन हमारा।
पुण्य तिथि के अवसर पर
शिश हम झुकाते है
भाइचारे और प्रेम का संदेश 
हम फैलाते है।।
खुशवन्त कुमार माली उर्फ "राजेश" सिरोहीयाँ।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ