गीता पांडेय जी द्वारा विषय सतर्क भारत समृद्ध भारत पर रचना#

बदलाव अंतरराष्ट्रीय राष्ट्रीय मंच को नमन
 प्रतियोगिता हेतु रचना

 शीर्षक सतर्क भारत, समृद्ध भारत


सभी नियमों का पालन करके बने हैं शक्तिमान।
 आज भी अनलॉकिंग की प्रतिक्रिया है गतिमान।

 वायरस जैसी फैली कुरीतियों को समाज से भगाये।
अहम मूल को नष्ट करे, नव क्रांति का दीप जलाये।

 सतर्क रहे हम झूठ लोलुप अधर्म अभिमान से।
कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हम स्वाभिमान से।

 रावणी प्रवृत्तियों से बचना और सबको बचाना।
बुराइयों पर अच्छाइयों से ही विजय को पाना।

सावधानी बरत कर ही हम अपनो की बचाये जान।
बाहर निकले तो सैनिटाइजर व मास्क का रहे ध्यान।

 रहना हमें सतर्कता अपना नी है भौतिक दूरी।
 टीकाकरण पूर्ण होने तक बनी यह है मजबूरी।

 सभी सुखी हो, रहे निरोगी भारत बने मजबूत।
चुनौतियो की छाती पर दले मूंग,भागे कोरोना यमदूत।

 आलस्य नीति त्याग जो श्रम नीति को अपनाते हैं
 वही अपनी आत्मनिर्भरता  से समृद्ध भारत बनाते हैं।


 सुरक्षित व मौलिक
 गीता पांडेय
 रायबरेली उत्तर प्रदेश
स्वरचित

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