कविता
रहें सभी सदा सतर्क,सावधान
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रहें सभी सदा सतर्क, सावधान,
सामने दुश्मन, चीन,पकिस्तान,
कोरोना भी है घात लगाये,
कर रहा हमें, हैरान,परेशान।
आतंकवादी हमें परेशान कर रहे,
नक्सली भी हमें नुकसान कर रहे,
कई गद्दार छिपे नेता के भेष में,
जिससे रहना है सदा सावधान।
खत्म हो रही राष्ट्रीयता की भावना,
खत्म हो रहा देश के प्रति सम्मान ,
आओ सब बचायें अपने भारत को,
बचायें अपने भारत की शान।
अनेकता में एकता देश की पहचान,
जन गण मन में बसा भारत की जान,
आओ सभी जन यहाँ मिलकर रहें ,
बढायें भारत का विश्व में मान।
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अरविन्द अकेला
1 टिप्पणियाँ
वाह,बहुत अच्छे ।बहुत सुन्दर ।
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