कवयित्री डॉ. अलका पाण्डेय जी द्वारा रचना “जय जवान जय किसान"

बदलाव मंच के 
राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय सप्ताहिक प्रतियोगिता 
28/9/से 4/10 2020 तक 
विषय - जय जवान जय किसान
 

शीर्षक- वीर जवान - 
 डॉ अलका पाण्डेय 

दो अक्टूबर का दिन था 
घर में बजी  बधाईयां 
माँ का आया लाल था 
किसानों का बेटा था 
देश का वीर जवान था 
कष्टों में जीना आता था 
कर्मों का वह मसीहा था 
ग़रीबों का वह रक्षक था 
संघर्षों में जीना सिखा था 
विश्व शांति का दूत था 

छोटा क़द था बडी बाते
सादा जीवन उच्च विचार 
नाम था जिनका .....
लाल बहादुर शास्त्री 
अपने मज़बूत इरादों से 
पाक को हार दिखाई थी 
“जय जवान ,जय किसान “
उनका प्यारा नारा था 
आजादी की लडाई के 
वे सच्चे सेवक थे 
गांधी वादी विचार धार के 
वे अनुयायी थे 
ताशकंद में विश्व शांति के दूत बन गये 
चिर शांति अपनाई थी 
पूरे विंश्व में  शांति छाई 
माँ का लाल सोया था 
देश ने कर्मवीर खोया था 
जय जवान जय किसान
नारा आज भी ज़िंदा है 
शास्त्री को अमर बना गया 
बच्चे बच्चे को अनुशासन 
सिखला गया 
देश के सच्चे सपूत को 
हम करते सलाम है 
डॉ अलका पाण्डेय - मौलिक

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