मंच को नमन
विषय -राम नाम अनमोल
दुनियां में हर चीज का होता भाव मोल
पैसा एक न लगता राम नाम अनमोल
सुमरन करते ही मिटें मनसे भाव बिकार
नित प्रात सांझ भजो कोई नहीं है तौल
मौलिक मुक्तक
भास्कर सिंह माणिक कोंच
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