*दिनांक-25/10/2020*
*विषय-रावण-दहन*
देख जगत की आज दशा,
स्वंय रावण भी लजाया है।
रावण का करने दहन,
एक रावण ही देखो आया है।।
आज दिवस है आत्मचिंतन का,
अंदर के रावण मर्दन का।
जल जाएँ जब मन के विकार,
तब ही होगा सच्चा विजय त्योहार।।
जीत जाएँ जब मन की लंका,
मिटे जीवन की स्वयं हर शंका।
जब हो जाए मन अयोध्या सा पावन,
तब समझना कि सच में हो गया है रावण दहन।।
मन के विकारों को मारें, विचारों को नहीं।अपने इन्हीं विचारों के साथ
*रोशनी दीक्षित की ओर से आप सभी को विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।*
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