कवि डॉ.राजेश कुमार जैन जी द्वारा रचना “पद्मनाभ"

सादर समीक्षार्थ
 विषय      -         पद्मनाभ



 नाम आपका तो पद्मनाभ है 
जन जन का विश्वास आप हैं
महिमा आपकी बड़ी अद्भुत है
करुण दृष्टि दुखियों पर भी है..।।

 भक्तों की सुनते हो पुकार
 कर देते हो आप बेड़ा पार
 आपके तेज से जग प्रकाशित
 मुख पर रहती मुस्कान विराजित..।।

 जो भी भक्ति भाव से पुकारे
 संकट उसके सब कट जाते
 दुखियों की तुम लाज बचाते
 दुष्टों का संहार हो करते ..।।

क्षीरसागर है वास तुम्हारा
 शेषनाग भी है अति प्यारा
 शंख, चक्र, गदा के स्वामी
 बन माला शोभित अति प्यारी..।।

 तुम सब की रक्षा करते हो
 निराश नहीं कभी करते हो
 हम तुम्हारावंदन करते हैं
 श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं..।।



 डा. राजेश कुमार जैन
 श्रीनगर गढ़वाल
 उत्तराखंड

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