एकता कुमारी जी द्वारा बेहतरीन रचना#

*"बिहार हमारी मातृभूमि"*
 छोटे-छोटे कस्बों - गलियारों में मत बांटो भारत के उपवन को, 
अराजकता की ज्वाला में मत झोंको अपने मधुवन को।

जाति - धर्म- भाषा - मजहब की ध्वस्त करो  अब दीवारें,
जो जनता को वोट बैंक समझे वैसे नेता को करो दरकिनारें।

देश के पालक होते हिन्दू-मुस्लिम-सिख -ईसाई,
भारत देश के वासी हैं आपस में सब भाई - भाई।

कोई जात नहीं कोई पांत नहीं सब ईश्वर बंदे हैं
अपने गुण, धर्म के अनुरूप करते  सब धंधे है।

क्यों करते हो निजी स्वार्थ के खातिर ओछी राजनीति, 
जाति समीकरण में बांट दिया सत्ता पाने की रणनीति। 

यही करबद्ध निवेदन है ,हे! जनता जनार्दन थोड़ा कीजिए विचार, 
ईमानदार-कर्मठ नेताओं को चुन कर बनाइए अपनी सरकार। 

वादा कीजिए कि उठने नहीं देंगे कोई मातृभूमि पर सवाल, 
स्वच्छ छवि का नेता चुन कर बदलेंगे बिहार का हाल। 


अभी "बिहार में का बा तो, वहां उ. प - मुंबई में का बा" 
इसतरह  फिर कल पूछेगा कोई "हिन्दुस्तान में का बा" 

मौके का फायदा उठाकर कोई बाहर वाला बोलेगा "भारत तू है... का बा" 
और फिर "बिहार में का बा तो फिर बिहार है ही... का बा" 

ऐसे ऊटपटांग प्रश्नों से कोई घटिया सियासत करेगा,
नापाक मंसूबे लिए हमारे हिंद का तिजारत करेगा। 

राम राज्य में भी आयीं तकलीफें, गवाह है इसका इतिहास, 
इसका मतलब यह कदापि नहीं कि जन्म भूमि का करें परिहास। 

अपने  मताधिकार से  देना होगा अब खरा जवाब, 
" बिहार में का - का बा सुनिए  अब थोड़ा जनाब" - 

ये वो पावन धरती है जहां भगवान बुद्ध ने  अवतार लिया, 
राजनीतिक गुरु चाणक्य-गणितज्ञ आर्यभट ने यहां उद्धार किया। 

नालंदा जैसा विश्वविद्यालय जो विश्व में हुआ प्रख्यात, 
सती बिहुला यहीं हुई जो तीन लोको में हुई विख्यात ।

जहां  मित्र पर जान कुर्बान किया ये वो दानवीर कर्ण की भूमि है , 
आजादी का भी श्री गणेश जहां से हुआ ये वह चंपारण की भूमि है। 

हमने बिहार की मिट्टी पर जन्म लिया हमें इसका अभिमान है, 
हम भारतीय हैं, बिहार की बेटी है , बिहार हमारी शान है-2
          **एकता कुमारी **

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