बदलाव अंतरराष्ट्रीय-रा
दिनांक--१३/१०/२०२०
विषय--**अब्दुल कलाम **- सच्चा साथी
देश का सच्चा सपूत था वो,
खुदा का नेक बंदा था वो।
देश को जिसने ताकतवर बनाया,
अब बस यादों में रह गया वो।
फकीराना जिंदगी गुजारी थी,
राष्ट्रपति की कुर्सी संभाली थी।
युवाओं का सच्चा साथी था वो,
जिंदगी से कभी हार न मानी थी।
वह कलाम नहीं कमाल थे,
मिसाइल मैन की ढाल थे।
किए निरंतर प्रयास बहुत ,
वह देश भक्त बेमिसाल थे।
कर्म क्षेत्र उनका विज्ञान था ,
'के 15' का इंतजाम था ।
सपनों के विचारों को दी गति,
गीत संगीत में बसा प्राण था।
महान आत्मा का बलिदान है ,
आधुनिक भारत का भगवान है।
मानवता के प्रतिष्ठान अनोखे ,
देश का असली स्वाभिमान है।
सबके दिलों पर राज किया,
हर विद्यार्थी को प्रोत्साहित किया।
निखरे थे जो कोयला से हीरा बन कर,
मेहनत के बल पर अपना कर्म किया।
स्वरचित --नीलम डिमरी
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