कवि सतीश लाखोटिया जी द्वारा रचना “आम आदमी - सपना - हकीकत"

आम आदमी -  सपना -  हकीकत 
    कौन बनेंगा करोड़पति

   कौन बनेंगा करोड़पति ने
   जगाए करोड़ों के दिल में
   फिर नये अरमान
    सोचता हर कोई
    मैं भी बन सकता करोड़पति
   यदि  हो किस्मत मुझ पर मेहरबान

सपनों  के  बल पर ही तो
     जी रहा आम आदमी 
     सोचता वह
     कभी न कभी
   होगी  ईश्वर की कृपा
  बनायेगा  मुझे खास आदमी
    
   जीतनेवाले हर इंसान में
    देखता आम आदमी              
     अपने आप को
      सोचता करुँ         
       मैं भी कोशिश
       ज्ञान के साथ
       भाग्य  देगा साथ
        टीवी पर दिखने के बाद
           चँहुओर हो जाएगी 
       मेरी भी जयजयकार 

देखकर यह ज्ञान का खेल
न जाने कितने कर रहें होंगे
ईश्वर से पुकार
घर बैठे हम भी कर रहें
लगन से जतन 
भेज दो  इस शो में
करने उध्दार

कौन बनेंगा करोड़पति में
फास्टेड फिंगर में
कम सेकंड में उत्तर देना
निहायत जरूरी
मानो या न मानो
ज्ञान के साथ
भाग्य तेज होना भी
उतना ही जरूरी

ज्ञान के प्रकाश की
कोई कमी नहीं हिंदुस्तान में
भाग्य के चक्रव्यूह में फँसा
आम आदमी हिंदुस्तान में

इस शो ने जगाई 
ज्ञान की मशाल
अमिताभ का चुंबकीय व्यक्तिमत्व
 करोड़ों के लिये  बेमिसाल

किसी को धन की चाह 
किसी को अमिताभ से मिलने की चाह
किसी को लोकप्रिय होने की चाह
कोई सोचता
इसमें जाने से
 मिल जायेगी मुझे 
जीवन में नई राह

हर किसी के सपने देखने का
होता अपना ढंग
भरने जीवन में सप्तरंगी रंग
बुद्धि, चातुर्य,कौशल्य को
रखना पड़ेगा अपने संग

इंसानियत को जिंदा रखकर
जो कर रहे
 समर्पित भाव से
उम्दा नेक काम 
यह मंच
कर रहा उनका
कर्मवीर उपाधि से सम्मान
इस बात के लिए
हम करते सारी टीम को
शत् शत् प्रणाम 

अंत में यही सार
कौन बनेगा करोड़पति देता
 यही सीख
शिक्षा ही जीवन का
बहुमूल्य उपहार
यही जीवन का  आधार


    सतीश लाखोटिया
     नागपुर, महाराष्ट्र

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