कवि राजीव रंजन जी द्वारा 'प्रेम' विषय पर रचना

उसने कहा कि-
मुहब्बत तेरा वादा है,पर नफरत मेरा इरादा है, 
मेरे नफरत की ताकत तेरे उल्फ़त से ज्यादा है।
मैंने कहा कि-
मुहब्बत के बिना नफरत अधूरी है,
नफरत करने के लिए भी मुहब्बत जरूरी है। 
राजीव रंजन गया (बिहार)

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