कवयित्री चंचल हरेंद्र वशिष्ट जी द्वारा 'आकाश वीर' विषय पर रचना

'आकाश वीर '

नीले नभ के सितारों
व्योम के पहरेदारों,
सुनों राष्ट्र के प्रहरी 
भारत के सपूत प्यारों

वायुसेना के शूरवीरों
शत शत नमन हमारा
ऐ गरुड़वाहक वीरों
हो उज्जवल भाल तुम्हारा

गौरव राष्ट्र का धारे
तुम गगन के हो रखवाले
व्याघ्र सा गर्जन अद्भुत
दुश्मन थर थर काँपे

माँ भारती पर आच्छादित
उन्मुक्त उड़ान भरो तुम
दुनिया पर तुम छा जाओ
ऐसी परवाज़ भरो तुम

चंचल हरेन्द्र वशिष्ट,हिन्दी भाषा शिक्षिका,रंगकर्मी एवं कवयित्री
न ई दिल्ली

08 अक्तूबर, वायुसेना दिवस की शुभकामनाएँ

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