कवि भास्कर सिंह माणिक कोंच जी द्वारा 'अच्छा सोचे, अच्छा बने' विषय पर रचना

मैं मंच को नमन करता हूं
विषय -अच्छा सोचे, अच्छा बने
विधा -मुक्तक

आओ हम नव निर्माण  करें
पानी   पानी   पाषाण    करें
हम अच्छा सोचे ,अच्छा बने
आओ जग का कल्याण करें
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हम  गीत  प्रेम  के गाएंगे
हम तम में दीप जलाएंगे
अच्छा सोचे ,अच्छा  बने
हम नव इतिहास रचाएंगे
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मैं घोषणा करता हूं कि यह मुक्तक मौलिक स्वरचित है।
       भास्कर सिंह माणिक,कोंच

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