मैं मंच को नमन करता हूं
विषय -अच्छा सोचे, अच्छा बने
विधा -मुक्तक
आओ हम नव निर्माण करें
पानी पानी पाषाण करें
हम अच्छा सोचे ,अच्छा बने
आओ जग का कल्याण करें
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हम गीत प्रेम के गाएंगे
हम तम में दीप जलाएंगे
अच्छा सोचे ,अच्छा बने
हम नव इतिहास रचाएंगे
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मैं घोषणा करता हूं कि यह मुक्तक मौलिक स्वरचित है।
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