मंच नमन
बदलाव मंच (राष्ट्रीय - अंतरराष्ट्रीय मंच )
दिनांक - 21-10-2020
विधा - कविता
विषय -आसमां की हद छूते परिंदे
आसमां की हद को छूते परिंदे l
नील गगन में उड़ते परिंदे l
न होती कोई जिम्मेदारी का बोझ, स्वच्छंद मन उड़ते l
दूर दूर तक खुले आसमान में उड़ते परिंदे ll
मनुष्य रुपी बंधन से मुक्त स्वतंत्र विचरण करते l
न दुनिया से कोई शिकवे शिकायत करते ll
अपनी ही दुनिया में बस रहते..... मस्त रहते l
चमन में हर तरफ प्यार ही प्यार फैलाते ll
हिंसा, अत्याचार, शोषण को मिटाते l
प्यार की गंगा बहाते ll
विश्वा में सुख शांति और अमन का संदेश फैलाते l
एकता, भाई चारा, मित्रता का पैगाम देते ll
कितना अच्छा ये नजारा लगता l
देखकर ही मन है आनन्दित हो जाता ll
काश हम भी इस धरा पर परिंदों के जैसा ही काम करते l
आसमां की हद को छूते परिंदे से सीख लेते ll
सविता मिश्रा
(शिक्षिका, समाजसेविका और लेखिका )
वाराणसी उत्तर प्रदेश
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