कवयित्री साधना मिश्रा विंध्य जी द्वारा रचना “युगपुरुष डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम"

बदलाव मंच साहित्यिक प्रतियोगिता (9 अक्टूबर से 13 अक्टूबर 2020)

विषय-युगपुरुष डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम


क्षीर सागर सा व्यापक ज्ञान
 भव्यता का न कोई अभिमान
भारत मांँ की वे पहचान
जन-जन में फूंँक देते प्राण।

परमाणु परीक्षण से रच डाली
कीर्ति भारत की अमित विशाल
तेरी दिव्य दृष्टि को कलाम
करते शत-शत हम प्रणाम।

कोशिशों से हारना नहीं 
काम को बोझ मानना नहीं
चमक सूर्य से पाने को
तैयार रहें नित जलने को।

भविष्य इबारत बदलने को
बदलो तुम आदत को
सफलता की प्राप्ति हो
दस्तखत की निशानी हो।

असफलताओं से सीख लो
सफलताओं से ज्ञान लो
नित नया उद्गार लो
स्वयं को सवार लो।

सामर्थ्य से शिखर छू लो
बड़े कदम पीछे ना लो
अभावों का प्रभाव लो
विचार एक विशाल लो।
कलाम के संघर्षों से स्वयं को संभाल लो।


साधना मिश्रा विंध्य
लखनऊ उत्तर प्रदेश।

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