दिनेश चंद्र प्रसाद "दीनेश"जी द्वारा खूबसूरत रचना#

बदलाव अंतरराष्ट्रीय -रा.
दिनाँक -२४-१०-२०२०
विषय -नारी शक्ति
शीर्षक-“बहनों  हथियार उठा लो"
बहनों हथियार उठा लो
शान से जीने का 
अधिकार तुम पा लो
खत्म करो उन दरिंदों को
जो तुझ पर हाथ उठाते हैं
मर्दानगी दिखाते हैं
बीवी पर हाथ उठाकर.
मर्द नहीं वो हिजड़े हैं
जो बीवी पर हाथ उठाते हैं
कह दो उन हिजड़ो से
जो औरत पर हाथ उठाते हैं
है उनमें थोड़ी सी हिम्मत
किसी मर्द पर हाथ उठाए
पता चल जाएगा उसको
अपनी मर्दानगी की ताकत का
जब जैसे को तैसा मिलेगा
तब आएंगे उसके होश ठिकाने
समझेगा वो किसी अबला पर
हाथ उठाना कितना गुनाह है
क्योंकि नारी अब अबला नहीं
सबला बन गई है
अब वीरांगना हो गई है
यह जानता दुनिया जहान है
जो करता नारी की इज्जत
"दीनेश" होता वही बलवान है

दिनेश चंद्र प्रसाद "दीनेश" कलकत्ता
रचना मेरी अपनी मौलिक रचना है।

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