सम्माननीय "बदलाव मंच" को सादर प्रणाम
साप्ताहिक प्रतियोगिता हेतु
मेरी मौलिक रचना
दिनांक - 24/10/2020
शीर्षक :- माँँ के दरबार में
दुःखियाँ रा दुःख मिटे
कोडियाँ रा कोड रे...
माँ के दरबार में
तु गाड़ी जल्दी मोड़ रे...
पांगा ने पग मिले
बांझ री भरे कोख रे...
माँ के दरबार में
तु गाड़ी जल्दी रोक रे...
निर्धन ने धन मिले
धनवान ने शांति रे...
माँ के दरबार में
तु पा ले चिर शांति रे...
रोगियाँ रा रोग मिटे
पापियाँ रा पाप रे...
माँ के दरबार में
तु करता चल जाप रे...
सुखा ने रचना मिले
श्रोतां ने आनन्द रे...
माँ के दरबार में
तु चल मिलसी परमानन्द रे...
मौलिक रचना
सुखदेव टैलर, निम्बी जोधाँ
नागौर, राजस्थान
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