*नमन 'बदलाव मंच'*
*विधा-कविता*
*शीर्षक-विश्व शान्ति दिवस*
21 सिंतम्बर यानी विश्व शान्ति दिवस होता।
अंतररष्ट्रीय स्तर पर शान्ति कायम करना मकसद होता।।
देश व नागरिक यह प्रयास करें।
अंतरराष्ट्रीय झगड़ों पर विराम करें।।
संयुक्त राष्ट्र ने अपनी बात पहुँचाई।
साहित्य,कला,सिनेमा,संगीत व खेल रूपी शान्तिदूत कहलाई।
नेहरू जी ने विश्व-शान्ति के मूलमंत्र दिए।
'पंचशील सिद्धान्त' उनके नामकरण किए।।
1981 से यह मनाया जा रहा।
संयुक्त राष्ट्र तमाम देशों में शान्ति कायम कर रहा।।
प्रत्येक वर्ष सिंतम्बर माह का तीसरा मंगलवार।
विश्व शांति रूपी बने हार।।
सफेद कबूतरों का शान्तिदूत होना।
अतः उन्हें खुले आसमान में खोना।।
मुक्तक-
*"मैं तुम्हें चाहती हूँ, कहो क्या खता करती हूँ।*
*तुझे मोहब्बत,बेतहा करती हूंँ।*
*प्रेम रूप की एक आशा मैंने भी देखी है।*
*बस तुझे पाने की खुदा से दुआ करती हूँ।।*
-रूपा व्यास
*अध्यक्षा,राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय 'बदलाव मंच'*
-'परमाणु नगरी' रावतभाटा,
चित्तौड़गढ़,राजस्थान।
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