बदलाव मंच प्रतियोगिता
(25 व 26अक्टूबर 2020)
विषय-सतर्क भारत समृद्ध भारत
शीर्षक-"समृद्धि और सफलता-स्वर्णिम भविष्य की निर्माता"
भारत मां की गोद सदा समृद्ध रहेगी ये सपूतों की सतर्कता का पर्याय है....
मुश्किलें एक आये या हज़ार हमारे पास सफलताओं का अध्याय है......
हौसले हैं ऐसे बुलंद कि दूर रहकर भी साथ मिलकर हर कठिनाइयों को पार करते जाएंगे....
अदृश्य है दुश्मन तो क्या हुआ हम सतर्कता और सावधानी से उसे हरा कर दूर भगाएंगे....
ताला खुल चुका है पर अपनी सुरक्षा की चाबी आज भी हम देशवासियों के हाथ है.....
हर एक देशवासी गर अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाएगा तो कोरोना को मिटाना कौनसी बड़ी बात है?....
हर पल समृद्धि की ओर ही सतत गमन होगा क्योंकि हरिहर चुनर ओढ़ी हुई हमारी धरती माँ का स्वरूप है.....
जीतेंगे जरूर क्योंकि हमारा तो तिरंगा भी गर्व से कहता मुझमें देशवासियों के साहस,शांति और समृद्धि का प्रतिरूप है...
स्वयं की सुरक्षा अब स्वयं से नही अपितु परिवार,समाज और देश से जुड़ी है....
जंग के विरुद्ध आगाज़ सफल रहा हमारा ,पर अब सुखद अंजाम की चुनौती आन पड़ी है....
कोरोना के खिलाफ देशरूपी परिवार की एक अकेली कड़ी को भी हम कमजोर न होने देंगे....
मास्क लगाकर,हाथ धोकर, सामाजिक दूरी रखकर सारे नियम पालन कर भारत मां की समृद्ध और गौरवशाली गरिमा का स्वर्णिम भविष्य गढ़ेंगे.....
ये उतार चढ़ाव के क्षण अनेकता में एकता,सौहार्द्रता,मानवता का नव दीपक प्रज्वलित कर रहे हैं....
इसलिए तो हर इंसान की सहायता हेतु कदम बढ़ाकर हम वसुदैवकुटुम्बकं की भावना प्रसारित कर रहे हैं.....
ईश्वर ने ये विपदा मानवता की राह की ओर गमन हेतु सबके सामने ला खड़ी की है......
इसलिये सतर्कता के साथ में कर्म पथ पर अडिग बढ़ते अपनी सर्वोच्च रचना की सफलता और समृद्धि की भी कामना की है...….
इंजी शालिनी चितलांगिया"सौरभ"
राजनांदगांव
छत्तीसगढ़
उपरोक्त रचना मेरी मौलिक एवम अप्रकाशित रचना है
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