कवयित्री वीना आडवाणी जी द्वारा 'नारी शक्ति' विषय पर रचना

नमन बदलाव मंच प्रतियोगिता दिवस
दिनांक..19/10/2020
विषय.. नारी शक्ति


कर सम्मान नारी का,,वेदो मे भी लिखा
जो सम्मान ना करता,वही असफल अज्ञान।।

क्यों कहते तुम इंसान ,,नारी है कमजोर
  नारी को कमजोर कह ,,चलाते हुकुम,जोर।।

नारीयां ना कमजोर,,सुनों ओ तुम मानव
व्यवहार शीतल रखना,,बनना न तुम दानव।।

नारी ज्वाला भी बनी,,जब-जब आई आंच
हर रूप मे ये थी ढ़ली,,उठे जब कभी हाथ।।

कमजोर ना है नारी,,सुन लो मेरी बात
कांधे से कांधा मिला,,चलती अब तो साथ।।

सजाती घर नारीयां,, कहलाऐ तभी घर
कलपना कर बिन नारी ,,मन में समाऐ डर।।

बिन नारी नहीं है जग,,नारी है तभी सब
नौमाह की तपस्या तप,,तब आगे बढ़ा जग।।

अब बताओ तुम नारी,, कब हो तुम कमजोर
हर तरफ तेरा ढंका,, तेरा ही है शोर।।


वीना आडवानी
नागपुर, महाराष्ट्र
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