निर्मल जैन 'नीर' जी द्वारा खूबसूरत रचना#

धनतेरस.....
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मन है हर्षा~
धनतेरस पे हो
धन की वर्षा
दिन है ख़ास~
किसी दीनहीन की
टूटे ना आस
निरोगी काया~
ये सब धन्वन्तरि 
देव की माया
मन में धार~
लक्ष्मी की होगी कृपा
खुले हो द्वार
ख़ुशी अपार~
धन वैभव से हो
भरा भण्डार
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निर्मल जैन 'नीर'
ऋषभदेव/उदयपुर
राजस्थान

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