रविबाला ठाकुर जी द्वारा खूबसूरत रचना#देशप्रेम#

राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय बदलाव मंच साप्ताहिक लघुकथा प्रतियोगिता हेतु-
शीर्षक-देशप्रेम
       श्याम को 15 दिन की छुट्टी की स्वीकृति मिल गयी,वह बहुत खुश था। घर में माता-पिता, दादा-दादी बहन सभी प्रसन्न थे,तीन दिन पश्चात श्याम की शादी जो होने वाली थी।
        अब वो दिन भी आ गया जब श्याम दूल्हा बना बारात निकली, कई सपने संजोए मन ही मन मुस्कुराता दोस्तों के साथ हँसी ठहाका मारता वधू के दवाजे पर पहुँचा, द्वारचार के पश्चात मंडप में गया, फिर पूरे रस्मों के साथ विवाह संपन्न हुआ। श्याम का विवाह बहुत अच्छे से संपन्न हुआ, सभी प्रसन्नता पूर्वक वापस आ गए।
           पर क्या घर पहुँचते ही श्याम के लिए फोन आया कारगिल युद्ध छिड़ चुकी है,तुम्हे तत्काल शरहद पर पहुंना होगा।
खुशी से चमकते आँखों में आँसू उभर आए, श्याम अपनी सारे खुशियों को त्यागकर भारत माँ की रक्षा के लिए निकल पड़ा जहाँ माँ भारती की गोद और संग में तिरंगा सौगात मिला।

     रविबाला ठाकुर
स./लोहारा,कबीरधाम,छ.ग.

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