कवि भास्कर सिंह माणिक कोंच द्वारा मुक्तक

मंच को नमन
विधा -मुक्तक

अपने  ऊपर जो करते  हैं  विश्वास
वही  लोग  तो  रचते   हैं  इतिहास
अपनी संस्कृति जो करते हैं पालन
वे  ही  देश  का  करते  हैं  विकास

जो  रखते  श्रम  से नाता  मजबूत
उन्हें    नहीं   देना   पड़ता   सबूत
नन्हें  दीप  तम का  करते  हैं ग्रास
अपने  ऊपर  जो करते हैं विश्वास

जो  चलते  हैं  रीति नीति की राह
हुई  पूर्ण  उसकी  मन  चाही चाह
वो  खुद जल कर करते हैं प्रकाश
अपने  ऊपर  जो करते हैं विश्वास
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मैं घोषणा करता हूंँ कि यह रचना मौलिक स्वरचित है।
                    भास्कर सिंह माणिक,कोंच

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