बाबूराम सिंह कवि जी द्वारा 'त्योहारों का मौसम' पर खूबसूरत रचना#

त्योहारों  का  मौसम 
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हर्ष उल्लास सभी में सरस बढा़ता त्योहारों का मौसम।
भाईचारा भी सबल सुदृढ़ बनाता त्योहारों का मौसम।
समता एकता का प्रगति कारक शुभ श्रोत यहीं-
मानवता महक माधुर्य भी लाता त्योहारों का मौसम।

अर्चन वंदन अभिनंदन में आगे त्यहारों का मौसम।
मनभावन स्नेहिल सभी को लागे त्योहारों का मौसम।
सदभाव, सत्कर्म,धर्म का भाव जगा जनमानस में-
आपस में जन-जनको बांधे धागे त्योहारों का मौसम।

मानव धर्म का सार सदा बतलाता त्योहारों का मौसम।
बैर-विरोध छाँट सभी को भाता त्योहारों का मौसम।
सदा परस्पर अनबन उलझन भी कम करता है-
टुटे दिल में भी नव आश जगाता त्योहारों का मौसम।

भक्तिभाव आलोक जगत फैलाता त्योहारों का मौसम।
भूल-चूक,दुख-दाह भी दूर भगाता त्योहारों का मौसम।
प्रभु का पावन नाम सतत् दिल सभी के वसा रहे -
समय-समयपरआके याद दिलाता त्योहारों का मौसम।

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बाबूराम सिंह कवि
बड़का खुटहाँ , विजयीपुर
गोपालगंज(बिहार)
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