*मांँ शारदे को नमन बदलाव मंच को नमन!*
*साप्ताहिक प्रतियोगिता हेतु लिखित रचना*
*विषय: दीपोत्सव*
*शीर्षक: दीपावली*
*विधा: हाइकु*
दीप जलाऊं
दीपावली है आईं
समृद्धि लाई।
तार अंधेरा
हो सब उजियारा
उमंग भरा।
जीती अच्छाई
हार गई बुराई
खुशियां लाई।
गए थे राम
लौटें प्रभु श्रीराम
दिव्यता छाई।
रावण मारा
हनुमान को पाया
सीता संगनी।
बन जा राम
जला दे तू दीपक
समर्पण की।
छोड़ घमंड
तज दे नफरत
हो जा रोशन।
जगमगा दे
खुद की रोशनी से
दुनिया सारी।
*- स्मिता पाल (साईं स्मिता), झारखंड*
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