आ.के.जे.गड़वी जी द्वारा बहुत ही प्यारी रचना

जब  ज़िन्दगी  ही  परेशानं  करे 
 तो क्या  बेचारा  इंसान करे 

रिस्तो  ने  ही  लूट  मचाई  हो 
अपने  ही  अपना  नुकसान करे 
 
जब  भाई-भाई  का  गला  काटे 
फिर  क्या  इसमें  भगवान  करे 

 जब ज़िन्दगी  हो  रूठी-रूठी 
फिर  मौत  ही  मुस्कान  करे 

ज़मी  वाले  हो  दिल  के  दुश्मन
फिर  उसमे  क्या  आसमान  करे 

-के.जे.गड़वी

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