कवयित्री स्मिता पाल (साईं स्मिता) द्वारा 'पुरूष' विषय पर रचना

*मां शारदे को नमन, मंच को नमन।*

*मंच के सभी पुरुष सदस्यों को पुरुष दिवस की हार्दिक बधाई।*


*शीर्षक: पुरुष*


तू पिता, तू ही पति
तू भाई, तू ही सखा
हर रिश्ते में तू है बंधा।

गंभीर भाव में रहकर,
हर दायित्व को निभाता।
हर रिश्ते को संभालता।

कभी गलत ना सहता,
श्रीराम के पग चिन्हों में तू चलता,
स्त्री के सम्मान में अपना अपमान ना समझता।

अपने दर्द को दुनिया से छुपाता,
अरमानों का गला खुद ही घोट डालता,
एक हँसी हमेशा बनाए रखता।

माँ का लाडला, पिता का नाम
बहन की राखी, सखी का भरोसा,
पति का फर्ज बख़ूबी तू निभाता।

*- स्मिता पाल (साईं स्मिता), झारखंड*

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