कविता
करवा चौथ
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आज मैंने भी किये पहली बार,
करवा चौथ का व्रत त्योहार,
रहे मेरा पति सदा सलामत,
मिले उन्हें सदा मेरा प्यार।
रहूं सातों जन्म सदा सुहागन,
मिले उन्हें मेरे बाहों का हार,
नहीं हों नजरों से ओझल,
मेरा सुखी रहे घर परिवार।
बिन देखें मैं पानी नहीं पीऊं,
उन बिन करुं नहीं कोई त्योहार,
जन्म जन्म का साथ हो उनका,
सबकुछ दूँ मैं उन पर वार।
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