एकता ही बल है शक्ति है जी#एकता#

बदलाव मंच अंतराष्ट्रीय-राष्ट्रीय 
मंच को नमन 
साप्तहिक लघुकथा प्रतियोगिता 
विषय::एकता, भाईचारा, देश प्रेम 

शीर्षक :एकता
एकता मे बड़ी शक्ति होती है हमने आपने भी समाज मे देखा,किताबों मे पढ़ा, सुना, और जीवन मे अनुभव भी किया होगा एकता अगर हो तो मुश्किल से मुश्किल समस्या को हल कर सकते है चाहे देश की हो या फिर घर की लघुकथा के माध्यम से समझना चाहता हूँ 
एक गाँव मे एक बूढ़ा व्यक्ति जिसका नाम रामदीन था सहपरिवार रहता था उसके पांच बेटे थे परिवार का गुजारा बड़ी मुश्किल से चलता था जमीन ना के बराबर थी एक बीघे 
मेहनत मजदूरी करके परिवार का पेट भरता था परिवार मे लड़ाई-झगड़ा होना स्वभाविक था कोई कम कोई ज्यादा मजदूरी लेकर आता था रामदीन यह सब सुनकर बहुत दुःखी होता उसने सभी बच्चों को बुलाया और कहा मै अब बूढ़ा हूँ कब भगवान का बुलावा आ जाय तुम लोग यूँ ही जीवनभर आपस मे लड़ते रहोगे एक काम करो एक लकड़ी का गट्ठर बनाकर मेरे समक्ष रखो उनके पांचो बेटों ने वैसा ही किया गट्ठर सामने रखा गया रामदीन ने कहा कि गट्ठर समेत लकड़ी को एक एक करके तोड़ो बारी बारी से अपना भरपूर जोर आजमाया सबने लेकिन लकड़ी नहीं टूटी फिर दूसरा आदेश हुआ कि गट्ठर खोलकर एक एक लकड़ी तोड़ो तब सारी लकडियॉ जल्दी से टूट गई रामदिन ने कहा कि एकता मे बल है एक रहोगे तुम तो तुम्हें कोई नहीं हारा सकता और आपस मे बिखरे रहोगे तो टूट जाओगे !

सीख :एकता ही बल है शक्ति है !

शिवशंकर लोध राजपूत 
(दिल्ली)

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