एस. तोमर मुरादाबाद जी द्वारा खूबसूरत रचना#देश प्रेम#

*बदलाव राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मंच* 

 *साप्ताहिक प्रतियोगिता* 
 

 *विधा - लघु कथा* 

 *विषय - देश प्रेम* 
      
भारत की सीमा पर चीन द्वारा लगाई गई मिसाइल को दागने की तैयारी थी। 
  निष्क्रिय करने के लिए एक  घंटा था भारत के पास ?
सेना की तकनीकी असफल दिखाई दे रही थी।
भारत बड़े खतरे में था।
मनुज अभी कुछ दिन पहले अपनी प्रेमिका को पाने के लिए भर्ती  हुआ था,प्रेमिका के पिता की शर्त थी, सरकारी नौकरी जिसके लिए मनुज ने दिन रात एक करके  कमांडर पद पाया था अब वह बॉर्डर पर था और प्रेमिका का फोन आ रहा था ।
कैसे हो मनुज अब तो हमारी शादी होने वाली है, मेरी भी नौकरी बैंक में लगने वाली है, और पापा ने अपनी फैक्ट्री आपके नाम करने के लिए पेपर तैयार करा लिए हैं।
आप कुछ बोल नहीं रहे मनुज क्या बात है ?
मैं भारत मां को बचाने जा रहा हूं लौट आऊं तो मेरे नाम की मेहंदी लगाना, नहीं आऊं तो कोई और होगा तुम्हारे जीवन का साथी और तुम्हारे पापा की अरबों की संपत्ति का मालिक।

अरे !
 मनुज मैंने किसी को अपना हृदय नहीं सौंपा है तुम्हारे अलावा।
दोनों और आंसु थे आंखो में।
और फोन रख दिया मनुज ने इस से ज्यादा बोलने की इजाजत नहीं दे पाए आंसु।
उसी रात अधिकारियों से बिना आज्ञा लिए छुपकर चीन की सीमा में घुसकर मिसाईल को मोड़कर चीन की ओर करके दाग़ दिया उसने , परन्तु  चीन की सेना ने उसे प्रतांडित करके मार डाला।
वह शहीद हो गया।
प्रेमिका तथा मनुज के माता पिता शोक में डूब गए,
कुछ दिन बाद प्रेमिका ने पिता से कहा मैं जा रही हूं आपकी सारी दौलत छोड़ कर , जीऊंगी मनुज की यादों में उसके बच्चे को जन्म दूंगी जो वो मेरी कोख में छोड़ गया था आपकी शर्त पूरी करने के लिए,   और उसे भी सेना में भर्ती करूंगी ।
पिता , पुत्री को गले से लगा कर रोने लगे।
           
    *जय हिन्द* 
मौलिक
 *एल. एस. तोमर मुरादाबाद* यूपी

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