स्वाति"सरू"जैसलमेरिया जी द्वारा खूबसूरत रचना#

नमन मंच
विषय- दीपोत्सव 
"दीपों की रोशनी परिवार के बिन सुनी"

जिस घर में बड़े बुजुर्गो की छत्र छाया रहती है
सुख, शांति, समृद्धि, वैभवता वहीँ पर रहती है ।

माता पिता की सेवा, गुरु जनो का सम्मान,बडो की आज्ञा पालन निश्चित उत्थान, सफलता,विजय के मूल स्वरूप है ।।
हमारी संस्कृति कहती है कि माँ बाप के चरणों में स्वर्ग है माँ बाप ईश्वर तुल्य है उनकी सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है माँ बाप के होते ईश्वर की आराधना जरूरी नहीं ! निस्संदेह माँ बाप की सेवा में सच्चा सुख है ।
वरिष्ठ लोगों की छाया शांति देती है। घर में बुजुर्गो का सम्मान करना चाहिए। बच्चों में अच्छे संस्कार बुजुर्ग ही देते हैं। बच्चों के साथ इनके संबंधों की डोर अधिक मजबूत होने चाहिए। दीपावली का त्यौहार हमें प्रेरणा देता है राज्यभिषेक की तैयारी होने के बावजूद श्री राम  माँ कैकयी के वचनो को निभाते हुए वन को  प्रस्थान किया ।और युगों युगों तक मर्यादा पुरुषोत्तम राम अमर हो गए ।
राम के चरित्र में भारत की संस्कृति के अनुरूप पारिवारिक और सामाजिक जीवन के उच्चतम आदर्श पाए जाते हैं। उनमें व्यक्तित्वविकास,लोकहित तथा सुव्यवस्थित राज्यसंचालन के सभी गुण विद्यमान थे। उन्होंने दीनों, असहायों, संतों और धर्मशीलों की रक्षा के लिए जो कार्य किए, आचारव्यवहार की जो परंपरा क़ायम की, सेवा और त्याग का जो उदाहरण प्रस्तुत किया तथा न्याय एवं सत्य की प्रतिष्ठा के लिए वे जिस तरह अनवरत प्रयत्नवान्‌ रहे, जिससे उन्हें भारत के जन-जन के मानस मंदिर में अत्यंत पवित्र और उच्च आसन पर आसीन कर दिया है। 
परिवार के साथ मिल दीपोत्सव मनाएं जिससे घर की खुशियां कई गुना बढ़ जाए ।
याद रखें।
जहाँ बड़ो का सम्मान होता है वहीँ लक्ष्मी का वास होता है
जहाँ बड़ो का अपमान होता है वहां लक्ष्मी का हास होता है ।

स्वाति"सरू"जैसलमेरिया

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