स्वरचित रचना
सीता
सीता होना कठिन है।
सतीत्व भाव होना।
सरल सजग शांत
स्वभाव होना कठिन है।
आत्मनिर्भर होकर।
सभी विस्मय पर
स्वयं विजय होकर।
मार्ग चुनना कठिन है।।
अपना कलंक जो स्वयं मिटाये।
बच्चों को जो आत्मनिर्भर बनाये।
ऐसा कर पाना कठिन है।
पत्नी का जो फर्ज निभाये।।
जो पति हेतु प्रेरणा बन जाए।।
इतना सरल भाव हो पाना कठिन है।।
पति के लिए घर छोड़ दे।
जो निष्पाप होने पर भी
स्वयं से त्याग कर दे।।
ऐसा प्रेम प्रिया होना कठिन है।।
*प्रकाश कुमार मधुबनी"चंदन"*
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