कवि डॉ.राजेश कुमार जैन द्वारा 'करवा चौथ' विषय पर रचना

सादर समीक्षार्थ
 विषय     -        करवा चौथ


करवा चौथ का पावन त्यौहार
सुहागिनों की उमंगों का वार
सधवा नारियों का यह संस्कार
 पति पत्नी में है बढ़ाता प्यार..।।

नारियों का यह पूर्ण श्रृंगार
दुल्हन सा सजाता हर साल
खत्म कराता सभी वाद-विवाद
होती प्रेम की फिर नई शुरुआत..।।

 हर नार करती प्रभु से पुकार
 यह शुभ दिन आए हजारों बार
उनका सुहाग बना रहे सौ साल
रखना मेरी लाज परवरदिगार ..।।

सजना के हाथों में रहे हाथ
 नित प्यार की होती रहे बरसात 
जीवन के अंतिम पल तक भी मैं
सजती रहूँ साजन के लिए  मैं..।।


 डॉ. राजेश कुमार जैन
 श्रीनगर गढ़वाल 
उत्तराखंड

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