मंच को नमन
4/11/2020
बुधवार
धनुषाकार वर्ण पिरामिड
करवाँ चौथ
ऐ
चाँद
छुपना
ना बादलों
में जल्दी आना
सुहाग का व्रत
इंतज़ार की घड़ी
हैं बेकरार बड़ी
लुका छुपी खेलें
मोहे सतावे
दरश ना
दिखावें
अड़ा
है।
है
मेरा
सुहाग
मेरे साथ
चाँदनी रात
देना वरदान
करवाँ चौथ व्रत
निर्जला ही मनायें
पूजन अर्चन
प्रार्थना करें
करवाँ माँ
प्रदान
करें
जी।
हैं
शक्ति
में भक्ति
सुहागिन
करती तप
सोलह श्रृंगार
में सज-धज कर
श्रृद्धा विश्वास रख
पति र्दीघ आयु
सदा मनातीं
व्रत पूर्ण
करतीं
जल
पी।
स्वरचित..
योगिता चौरसिया
मंडला म.प्र.
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