कवयित्री मीनू मीना सिन्हा मीनल विज्ञ जी द्वारा 'नर व नारी एक-दूसरे के पूरक' विषय पर रचना

नमन मंच

विषय - *नर-नारी एक दूसरे के पूरक*

*चौपाई छंद में एक प्रयास*

 *नर नारी* 

जानो नर नारी है समान
कोई तुच्छ न कोई महान
गाड़ी के हैं दोनों पहिए
सुख-दुख मिलकर सारे सहिए

नारी बिन नर रहे अधूरा
नाहक अहम कि हम हैं पूरा
पृथक नहीं दोनों है पूरक
 नर-नारी  समझो परिपूरक

 रखो नहीं व्यर्थ बात मन में
 है सम समान  सृष्टि सृजन में
 बातों को उलझाया न करो
 दोनों का ही सम्मान करो

 नर पर भारी होती नारी
 समझे  नहीं यदि तो अनारी
 बिना नर के न नारी बनती
 नारी ही तो नर को जनती

कालसमय में दोनों चलते 
हुए अकेले हाथों मलते
उत्पत्ति का रहे क्रम जारी
समझो यही सही सहकारी

*मीनू मीना सिन्हा मीनल विज्ञ/मीनू मीनल* 
राँची

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ