नमन मंच
विषय - *नर-नारी एक दूसरे के पूरक*
*चौपाई छंद में एक प्रयास*
*नर नारी*
जानो नर नारी है समान
कोई तुच्छ न कोई महान
गाड़ी के हैं दोनों पहिए
सुख-दुख मिलकर सारे सहिए
नारी बिन नर रहे अधूरा
नाहक अहम कि हम हैं पूरा
पृथक नहीं दोनों है पूरक
नर-नारी समझो परिपूरक
रखो नहीं व्यर्थ बात मन में
है सम समान सृष्टि सृजन में
बातों को उलझाया न करो
दोनों का ही सम्मान करो
नर पर भारी होती नारी
समझे नहीं यदि तो अनारी
बिना नर के न नारी बनती
नारी ही तो नर को जनती
कालसमय में दोनों चलते
हुए अकेले हाथों मलते
उत्पत्ति का रहे क्रम जारी
समझो यही सही सहकारी
*मीनू मीना सिन्हा मीनल विज्ञ/मीनू मीनल*
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