कवयित्री रजनी शर्मा चंदा द्वारा 'मोरे पिया' विषय पर रचना

मोरे पिया


करवा चौथ के व्रत करब हम
 लहंगा हमरा दिलवा दे पिया
 चुनरी सुंदर लाल गुलाबी सुंदर
 गोटा सितारा से सजा द पिया। 

पहिनब चूड़ी लाल पियर 
कंगना भी दिलवा द पिया
 लहठी लेई द सुंदर-सुंदर 
मोती से जड़वा द पिया।

रूप सजे लहरदार लहरिया
 झुमका हमरा दिलवा द पिया
 टीका सुंदर चम चम चमके
 बचवा से सजाई द पिया।

 गिरमल हार नौलखा वाला
 सोना के दिलवा द पिया
सीकरी लेदर पातर छितर
 लॉकेट लरिया लगवा द पिया।

 सगरी छम छम नाचूं सजनवा
 पायल हमरा दिलवा द पिया
 रुनझुन शोभे घरे अंगनवा
 बिछुआ भी पहना द पिया ।

मेहंदी रचाईब बेल बूटी से
 अंगूठी हमरा दिलवा द पिया
 बाजूबंद बड़ शोभे सैया जी
 करधनियां भी चमका द पिया।

सबसे बढ़कर श्रृंगार प्यार है 
दिल में हमरा बसा ल पिया
हम रहीं तोहर तू रह हमर
 इतना वादा निभा ल पिया।

ना कौनों चाहीं सोना चांदी 
हीरा मोती ना चाही पिया
 साथ रहे जन्मों जन्म के
 करवा चौथ मनाईब पिया।

रजनी शर्मा 'चंदा'
रांची,झारखंड,

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