कवयित्री शशिलता पाण्डेय जी द्वारा रचना ‘पुरुष’

नमन मंच बदलाव
राष्ट्रीय औरअन्तराष्ट्रीय मंच
पुरुष दिवस विशेष रचना
दिनांक:-19/11/2020
दिवस:-गुरुवार
पुरुष
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एक पुरुष परिवार का सहभागी,
पुरुष परिवार का मुखिया होता।
पुरुष और स्त्री दोनों से निर्मित।
स्त्री धरा समान पुरुष आसमान,
नारी करती सृजन पुरुष सहभागी।
पुरुष परिवार का होता अवलम्बन,
 बिना पुरुष की अधूरी होती नारी।
 नारी बिन नही पूरा पुरुष का जीवन,
जिस के सर पर नही बाप का साया।
वो बच्चा दुनियाँ में अनाथ कहलाया,
पुरुष हृदय कोमल व्यक्तित्व कठोर।
परेशानी में नही होता कभी कमजोर,
 घर की जिम्मेदारी खुद के कंधे पर ढोता।
 फिर भी कभी न विचलित हो रोता,
पुरुषार्थ ही होती पुरुष की विशेषता।
सबकी  जरूरतों के लिए वो कमाता,
सारा दिन घर से बाहर समय बिताता।
एक परिवार की गाड़ी के दोनों पहिये,
मिलकर दोंनों संतान का बोझ उठाये।
पुरुष एक परिवार का होता आधार,
जिस परिवार पुरुष नही वो होता कमजोर।
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स्वरचित और मौलिक
सर्वधिकार सुरक्षित
कवयित्री:-शशिलता पाण्डेय

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