प्रकाश कुमार मधुबनी"चंदन"* जी द्वारा अद्वितीय रचना#

*प्रेम*
प्रेम आत्मा से हो तो स्वीकार करो तुम।
प्रेम शरीर से हो तो पहले विचार करो तुम।।
 आत्मा से हुआ प्रेम आत्मघाती नही होता।
यदि दिखावटी प्रेम हो तो इंकार करो तुम।।

*प्रकाश कुमार मधुबनी"चंदन"*

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