जय हो छठी माई,
कार्तिक मास पावन है , घड़ी है शुक्ल पक्ष ।
व्रत छठ माई की करें, महिमा है प्रत्यक्ष ।।
पुण्य बहुत है पर्व के, सुधरे बिगड़े काम।
सब आशा पूरी करें, माई का लें नाम।।
सूर्यदेव माई छठी, जोड़ रहे हम हाथ।
कृपा रहे सब आपकी, चरणों में है माथ।।
साफ- सफाई स्वच्छता, सुनें सभी संदेश।
नियम धर्म पालन करें ,मिट जाएँ सब क्लेश।।
आया है बड़का परब, चलों चलें हम घाट ।
दर्शन दिनकर की करें, जोह रहे सब बाट।।
दीनानाथ कृपा करो ,उगने का है बेर।
परवैतिन जल में खड़ी, लगा रही है टेर।।
पान फूल फल ठेकुआ, चढ़ते सभी प्रसाद।
क्षमा करो माई छठी, मेरे सब अपराध।।
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