झिलमिलाते दिए
तेरे आने से देखो दिल में सुरूर आ गया
दिए झिलमिल जले मुझ पर नूर आ गया।
रोशनी सज गई खिल गया है शमां
दरो दीवारों पर भी रंग हुजूर आ गया।
घर आंगन मेरा यूं महकने लगा सब चहकने लगे
उत्साह से झूमे उमंगों का हुजूम आ गया।
खुशियों की घड़ी सजी दीपों की लड़ी
नाचने लगा मन में जैसे मयूर आ गया।
सर्द मौसम में भी नर्म धूपों सी तुम
धीमी लौ में जैसे जलता कपूर आ गया।
धुन छेड़ो कोई शोर कर दरकिनार
हाथों में सितारों सा बजता संतूर आ गया।
फिरते हो कहां छुपा हर सुकून है यहां
कर लो मुंह मीठा लड्डू मोतीचूर आ गया।
रंग मेरा खिला जब से नजरें मिली
गोरे गालों पर मेरे सुर्ख सिंदूर आ गया ।
तेरे आने से देखो दिल में सुरूर आ गया
दिए झिलमिल जले मुझ पर नूर आ गया।
रजनी शर्मा चंदा
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