शशिलता पाण्डेय जी द्वारा खूबसूरत रचना#

नमन बदलाव मंच
राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय मंच आयोजन
साप्ताहिक प्रतियोगिता 
विधा-काव्य
विषय:- दीपोत्सव
दिनांक:-11/112020
दिवस:-बुधवार
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दीपोत्सव
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दीपक जला लें मना लें दीपोत्सव,
हृदय में घिरा अज्ञान का अँधेरा ।
गहन तिमिर मिटाने का प्रकाशोत्सव।
जागो रे प्राणी हो गया अब सवेरा।
पधारे थे अवध में राम मनायें विजयोत्सव।
अन्याय बुराई का रावण जलाकर,
जग में फैलाएं ज्ञान का ज्योतित्सव।
हृदय से मिटा दे असत्य तम का घेरा, 
दीपक जला लें मना लें हम दीवाली।
मिटाना है मिलकर जीवन का अंधेरा,
नारी तुझे बनकर धरती पर माता काली।
लक्ष्मी रूपा तू सुख-समृद्धि का उजियारा,
घर को प्रकाशित कर फैला ज्ञान-ज्योति।
अत्याचार अन्याय का करो दूर अँधेरा,
हे शिव-शक्ति! दोनों हो अब एकाकार।
हृदय- तमस मिटा भरो मानवता का प्रेम-प्रकाश ,
माँ लक्ष्मी का करे आह्वान संग लम्बोदर।
खुशियों के पटाखों की ध्वनि फैले आकाश,
मिष्ठान प्रेम से खाने-खिलाने का उत्सव। 
मिलकर दिए जला फैलाना सर्वत्र प्रकाश,
गहन तिमिर मिटाने का मना ले दीपोत्सव।
तन-मन मे प्रज्ज्वलित कर ले प्रेमज्योति,
दीपोत्सव में जन-जन में जगा ले हम प्रीति।
दूर करे मन का अंधेरा प्रेम की गंगा बहाते चले,
हृदय में उज्जवल प्रकाश की ज्योति हम फैलाते चले। 
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स्वरचित और मौलिक
सर्वधिकार सुरक्षित
कवयित्री:-शशिलता पाण्डेय
बलिया( उत्तर प्रदेश)

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