डाॅ. ज्योत्सना सिंह "साहित्य ज्योति" जी द्वारा खूबसूरत रचना#

बदलाव मंच प्रतियोगिता, 
शीर्षक :छठ पर्व

अस्ताचलगामी उन भुवन भास्कर को नमन ,
उदयाचल से आकर दुखों का करते शमन,

सूर्य षष्ठी का व्रत कर हम तन मन करते शुद्ध,
पर्व वैश्विक हो रहा कहते सकल प्रबुद्ध।

सूर्य देव प्रत्यक्ष है चलती इन से सृष्टि ,
बिन इनकी कृपा के हो नहीं सकती वृष्टि,

रोग दोष से मुक्त कर भरे सकल धन-धान्य,
हाथ जोड़ विनती करूं जय जय कृपा निधान।। 

 (स्वरचित व मौलिक अप्रकाशित )डाॅ. ज्योत्सना सिंह "साहित्य ज्योति" लखनऊ

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