शीर्षक :--सूर्योदय
सूर्योदय की छटा निराली ,
जगमग जग उजियारा ,
गहन तमस की निद्रा टूटी,
मिटा सघन अंधियारा ।
खगकुल कलरव करते रहते ,
मलय सुरभि बिखराती ,
सात रंग की चूनर ओढ़े ,
धरा सुघर मुसकाती ।
भीनी गन्ध सुगन्ध समेटे,
फसलें झूमें गायें ,
नव विकास की गाथा नूतन,
नित परचम फहरायें ।।
गीता पाण्डेय
उपप्रधानाचार्या
करहिया बाजार
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