जिद के आगे
इतने मजबूर हुए उसकी ज़िद के आगे,
रब से दूर हुए उसकी ज़िद के आगे|
मायने रखती है उसकी खुशी मेरे लिए भी,
मजबूत से मजबूर हुए उसकी ज़िद के आगे |
आना -जाना न था इश्क की गलियों में मेरा ,
उस कूचे में मशहूर हुए उसकी ज़िद के आगे |
मरहम की जगह जब मेहंदी लगवाई उसने,
मेरे दर्द काफूर हुए उसकी ज़िद के आगे |
छलकाया जाम चश्म से इस कदर उसने,
नशे से चूर हुए उसकी ज़िद के आगे |
साथ जीने - मरने की खायी जो कसमें,
रुसवा बदस्तूर हुए उसकी ज़िद के आगे |
मुस्कुरा के जीना सिखाया उसी ने,
अंगार से अंगूर हुए उसकी ज़िद के आगे |
इश्क उसने भी किया सबसे ज्यादा लिहाज़ा ,
'दीपक' बेनूर हुए उसकी ज़िद के आगे ||
दीपक क्रांति,
संस्थापक-अध्यक्ष,
बदलाव मंच
इतने मजबूर हुए उसकी ज़िद के आगे,
रब से दूर हुए उसकी ज़िद के आगे|
मायने रखती है उसकी खुशी मेरे लिए भी,
मजबूत से मजबूर हुए उसकी ज़िद के आगे |
आना -जाना न था इश्क की गलियों में मेरा ,
उस कूचे में मशहूर हुए उसकी ज़िद के आगे |
मरहम की जगह जब मेहंदी लगवाई उसने,
मेरे दर्द काफूर हुए उसकी ज़िद के आगे |
छलकाया जाम चश्म से इस कदर उसने,
नशे से चूर हुए उसकी ज़िद के आगे |
साथ जीने - मरने की खायी जो कसमें,
रुसवा बदस्तूर हुए उसकी ज़िद के आगे |
मुस्कुरा के जीना सिखाया उसी ने,
अंगार से अंगूर हुए उसकी ज़िद के आगे |
इश्क उसने भी किया सबसे ज्यादा लिहाज़ा ,
'दीपक' बेनूर हुए उसकी ज़िद के आगे ||
दीपक क्रांति,
संस्थापक-अध्यक्ष,
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