कवयित्री गीता पाण्डेय द्वारा शीर्षक हिंदी के विकास में हिंदी बोलियों का योगदान विधा निबंध

अंतरराष्ट्रीय राष्ट्रीय बदलाव मंच को नमन
शीर्षक हिंदी के विकास में हिंदी बोलियों का योगदान
 विधा निबंध


प्रस्तावना
              हिंदी शब्द फारसी भाषा से लिया गया है हिंदी हमारी एक सशक्त एवं समृद्धि भाषा है यह सभी भाषाओं को आत्मसात करके चलने वाली भाषा है। हिंदी भाषा को अग्रसारित करने में हिंदी बोलियों का प्रमुख योगदान रहा है ।

हिंदी की उपभाषाये 
                          हिंदी की विभिन्न भाषाएं हैं हम उन भाषाओं तथा उनके अंतर्गत बोली जाने वाली  बोलियों की जानकारी इस प्रकार करेंगे जो निम्न है।
1   पश्चिमी हिंदी*  इस उपभाषा के अंतर्गत खड़ी बोली, ब्रजभाषा,  हरियाणवी व बुंदेली बोलियां आती है।

2   पूर्वी हिंदी* इस उपभाषा के अंतर्गत अवधी बघेली व छत्तीसगढ़ी बोलियां प्रयोग में आती हैं।

3  राजस्थानी हिंदी* इस उपभाषा के अंतर्गत मारवाड़ी, जयपुरी, मेवाती व मालवी बोलियों का प्रयोग किया जाता है।

4   पहाड़ी हिंदी*  इस उपभाषा के अंतर्गत कुमाउँनी  व गढ़वाली बोलियां बोली जाती हैं।

5    बिहारी हिंदी*  किस उपभाषा के अंतर्गत भोजपुरी, मैथिली व मगही बोलियां प्रयुक्त की जाती है।

 उपसंहार ** 
              इस प्रकार हम कह सकते हैं कि हमारी हिंदी भाषा विविधता को एकता में पिरोती हुई  निरंतर वृद्धि की ओर अग्रसर है जो हमारी सभ्यता व संस्कृति का परिचायक है।

 गीता पांडे रायबरेली उत्तर प्रदेश

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