अनिता पाण्डॆय जी द्वारा अद्वितीय रचना#

बदलाव मंच विषय : छ्ठ
अस्ताचल सूरज देव के देके अरघवा,
उदय होइहें सूरज देव सबके जीवनवा,
कार्तिक मास के दिन है छ्ठवा
मनाईब हर्षाइके छठी मईया के त्योहरवा।

तीन दिवसीय त्योहार है ए छ्ठी मईया !
निर्जल, निराहार रहीके करेनी व्रतवा,
रक्षा करीहे छ्ठी मईया हमार सोहगवा,
जल्दी उगी ए सूरज देवा, करेनी इंतजारवा।

कईनी सबकुछ नियम व्रतवा,
हमरी जीवन से रात घनेरी मिटावा,
पूर्ण करीं ए छ्ठी माई! हमार व्रतवा।
अगले साल फेर से आई ए छ्ठी मईया! - अनिता पाण्डॆय २१/११/२०२० . यह मेरी मौलिक व स्वरचित रचना है।

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