कवयित्री अलका पाण्डेय द्वारा 'किसान' विषय पर रचना

बदलाव मंच 
विषय- किसान 
शीर्षक- भारत का किसान 

मैं हूँ भारत का किसान 
नही मिलता मुझे मेरा मान ।।
मिट्टी से सोना उगाता ।
भूँखे को रोटी खिलाता ।
सहता हू फिर भी अपमान ।।

मैं हूं भारत का किसान 
कभी नही करता आराम ।।
धूप हो सर्दी तन को जलाता हूँ । 
दिन रात करता रहता काम ।। 

गुदड़ी में रहता हूँ 
रुखी सूखी खाता हूँ ।।
सबके लिये उगाता अन्न । 
मेहनत का पाठ पढ़ाता हूं ।।


मिट्टी से रिश्ता अनमोल
बैलो को लाता देकर मोल 
कड़कती धूप मेरा संगी साथी 
हल से मेरा रिश्ता बेजोड़ 

मेरी मेहनत का साहूकार देते नही दाम ।
मुझे सताकर साहूकार पाते आराम ।।
मेरी मेहनत से  वो बनाते है अपने महल । 
मेरी दुर्दशा , ग़रीबी करती सब को सलाम ।।

धरती से अन्न उपजाता हूँ रात दिन । 
नही बेचता कभी भी अपना स्वाभिमान ।।
क़र्ज़ की मार सहता टूट जाता हू् पर झूकता नही ।
मैं देश का मेहनतकश धरती पुत्र किसान ।।


सरकार हमें हमारा अधिकार नही देता 
दुनियाँ का स्वार्थ मुझे खून के आँसू देता ।।
खेतों में लहराती है मेरी आशाओ भरी उम्मीद ।।
अपने हक की लडाई मैं लड नही पाता ।।
अलका पाण्डेय मुम्बई

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