राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बदलाव मंच साप्ताहिक प्रतियोगिता
दिनांक 23:12 2020
विषय -आत्मनिर्भर भारत की उड़ान,
विज्ञान और तकनीकी का
योगदान
विधा - काव्य
हमारा भारत देश महान, कहने क्या है इसकी शान।
आत्मनिर्भरता की बात मत पूछो, चाहे तकनीकि या विज्ञान।।
सुख- समृद्धि रहती यहांँ, विविधताओं का जादुई पिटारा।
रंग- बिरंगी संस्कृति इसकी, जन- जन का है यह प्यारा।।
विश्व ऋणी है भारत का, शून्य- दशमलव ज्ञान दिया।
इससे ही सब फले -फूले, केंद्रबिंदू है मान लिया।।
सत्य -अहिंसा, आध्यात्म की धरती, दिया सभी को है संदेश।
सर्वधर्मभाव सभी अपनाएंँ, मिट जाएंँगे सारे क्लेश।।
चरक, सुश्रुत ,आर्यभट्ट, ब्रह्मगुप्त विविध वैज्ञानिक नाना।
वसु ,राय,रमण,साहा, रामानुजम या खुराना।।
देखो, आत्मनिर्भर भारत की है यह तीव्र उड़ान।
तीसरी सबसे बड़ी शक्ति में हुआ है उदीयमान।।
अपनी मातृभूमि में विज्ञान और तकनीकि का योगदान ।
चल पड़ा है देश राह पर बनने सर्वशक्तिमान।।
दुश्मनों को नेस्तनाबूद कर बनवाना उसकी दास्तान।
*मीनू* आज नमन करती है,जय- जय प्यारा हिंदुस्तान।।
मीनू मीना सिन्हा मीनल विज्ञ
राँची ,झारखंड
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