राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय मंच
एक दिवसीय प्रतियोगिता
दिवस:-मंगलवार
दिनांक:-8/12/2020
विधा:-काव्य
बिषय:-आत्मनिर्भर भारत की उड़ान
विज्ञान और तकनीक का योगदान
प्राचीन काल से था भारत आत्मनिर्भर,
मध्यकाल में डगमगाया था जरुर,
फिर से मेरा भारत धीरे-धीरे रहा उभर,
अपने तकनीक कौशल का दिखा रहा जौहर।
मगंलयान प्रथम प्रयास में पहुँचाकर,
एक तरफ गेहूँ के जीनोम सीक्वेंस करके
भारत ने खाद्य सुरक्षा को किया पुख्ता।
तो दूजी अंतरिक्ष में भारतियों को पहुँचाने की
कर ली है तैयारी जीएसेलवी मार्क-३ बनाकर ।
खुद कर रहा सुरक्षा अपने परमाणु हथियार
पनडुब्बी आईएनेस अरिहंत बनाकर।
और तो और कोरोना काल में भी
आगे बढ़ रहा भारत सुरक्षित होकर।
आज सबसे ज्यादा है कोरोना का टीका,
भारत के पास, सबका साथ सबका विकास,
यही नारा है लगाना मिलजुल कर है बढ़ना,
अपना भारत बढ़ रहा, आगे है इसे ले जना।
सबसे कम लागत वाला
सुपरकंप्यूटर है भारत बना रहा,
प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष में भी,
अपना वर्चस्व बढ़ा रहा,
हर क्षेत्र में इसका नाम हो रहा।
-डॉ. अनिता पाण्डेय - यह मेरी मौलिक व स्वरचित रचना है।
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