कवि आकाश अग्रवाल द्वारा 'हिंदी के विकास में हिंदी की बोलियों का योगदान' विषय पर रचना

विषय- हिंदी के विकास में हिंदी की बोलियों का योगदान!!

हम सभी को स्वतः ज्ञात है कि हमारी भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे बड़ी औऱ पौराणिक संस्कृति हैं जिसमे संस्कृत भाषा को सर्वश्रेष्ठ माना गया है कोई भी मांगलिक कार्य विना संस्कृत के सम्भव नहीं है मगर समय के साथ-साथ जहाँ संस्कृत भाषा का महत्व घटा हैं वहीं हमारी मातृभाषा हिंदी विश्व की सबसे ज्यादा बोले जानी 4 नम्बर की भाषा बन गई हैं जिसमे हिंदी की उपभाषाओं का महत्वपूर्ण योगदान है क्योंकि भारत मे हर 30 किलोमीटर के दायरे में भाषा को बोलने का ढंग बदल जाता हैं सभी लोग अपनी सुविधाओं के अनुसार नए शब्द का चुनाव करते है औऱ विदेशों में जाकर अपने लोगों के बीच अपनी मातृभाषा बोलते हैं औऱ जनसंख्या के नजरिए से देखा जाए तो कहीं न कहीं यह भी एक मील का पत्थर सिद्ध हुआ है हिन्दी के विकास में क्योंकि भारत की जनसंख्या वृद्धि के मामले में 2 नम्बर पर है लोग रोज़गार की अबश्यक्ता हेतु बाहर जा रहे है औऱ वहां रोज़गार के साथ-साथ अपनी मातृभाषा बोलकर अप्रत्यक्ष रूप से भी अपनी हिन्दी के उपभाषाओं से हिंदी का विकास कर रहे है

*नोट- मुझे लगता हैं आप सभी को यह पसंद आए क्योंकि इसमें समसामायिकी पहलू भी शामिल किए गए हैं!!*

*@कवि_आकाश_अग्रवाल

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